मंगलवार, फ़रवरी 23, 2010

द ग्रेट बेरियर रीफ......





iन्द्रधनुष के बाल पाठकों को घुमंती बेन घर बैठे दुनिया की सैर करा रही हैं। इस बार वह उनको इस अनुपम जगह की सैर कराती हैं।



घुमंती बेन ने अपने शोल को क़स कर भींचा और कांपते हुए बोलीं , "बाप रे । पता होता की यहाँ इतनी ठण्ड है तो मैं कुछ दिन बाद आती ।आखिर जाड़े में गर्मी के मौसम का मजा ले रही थी ! "

मैंने पुछा, "वो कैसे ?"

घुमंती बोलीं,'अरे तुम्हें पता है न की हमारी धरती के दक्षिणी गोलार्ध में मौसम उत्तरी गोलार्ध के एकदम उल्टा होता है।जब यहाँ ठण्ड पड़ती है 'तब वहां गर्मी का मौसम होता है ।

'ओहो तो आप गर्म जगह से आ रही हैं !'

"हाँ,इस बार मैं ऑस्ट्रेलिया घूमने गयी थी।वहां भी एक विश्व विरासत स्थल देखा जो बहुत ही सुन्दर और अद्भुत है ।ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी पूर्व समुद्र तट पर "द ग्रेट बैरियर रीफ "

द ग्रेट बेरियर रीफ असल में आस्ट्रलिया के समुद्र में तट से कुछ दूर पर एक लंबा टीला सा है.पर इसको छोटा मोटा टीला मत समझना ।यह तो २६०० किमी लंबा है .यानी एक पर्वतश्रेनी जैसी है पर है समुद्र में ! और यह बनी है पत्थरों से नहीं पर..........सुनकर चौंक जाओगे ! जीवित समुद्री जीवों से. यह जीव हैं मूंगा या कोरल .कोरल एक बहुत ही छोटा समुद्री जानवर होता है जिसको देखकर ऐसा लगता है कि यह कोई पौधा होगा. लेकिन करोड़ों करोड़ों कोरल मिलकर एक रीफ बना देते हैं.यह जीव जब मर जाते हैं तो चूने की चट्टा बन जाते हैं .बड़े आश्चर्य की बात तो यह है कि यह छोटे छोटे जीव मिलकर इतनी बड़ी चट्टान बना दिए कि यह हमें अन्तरिक्ष से भी दिखाई पड़ती है!यह विश्व में सबसे बड़ी सजीव रचना है।

यह आस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड प्रदेश के तट पर है और इसे देखने बहुत से सैलानी आते हैं. यह मूंगे की चट्टान या कह लो श्रृंखला करीब ३४०० छोटी छोटी चट्टानों को मिला कर इतनी लम्बी हो गयी .यह समुद्र तट के नज़दीक ही होती है .इनकी दूरी १५ किमी से लेकर २०० किमी तक होती है.इसके बीच में बड़े सुन्दर द्वीप और टापू भी हैं जहाँ हम लोगों को ले जाया गया. इनके पास के सागर में इतनी तरह के समुद्री जीव और पेड़ पौधे पाए जाते हैं जितने की दुनिया में और कही नहीं. तो फिर सोचो इस जगह को देखने में कितना मज़ा आया होगा. यहाँ की एक ख़ास बात है कि यह मूंगे तभी तक चट्टान बना सकते हैं जब तक कि यह पानी साफ़ सुथरा रहे, इसमें कोई प्रदूषण न हो,बहुत गहरा न हो और इसका तापमान थोडा गर्म हो .इन दो कारणों से,यहाँ की जैव विविधता और मूँगों का चट्टान बनाना इतनी अनुपम है कि इस जगह को विश्व विरासत स्थल बना दिया गया है और इसका ख़ास ख्याल रखा जाता है.यहाँ समुद्र के नीचे जाने के लिए स्कूबा दईविंग कर सकते हैं या फिर नीचे देखने के लिए शीशे के तले वाली नाव पर बैठ कर जा सकते हैं।

पानी के अन्दर देखने पर बहुत ही रंगीन नज़ारा दिखता है।यहाँ पर व्हेल ,डालफिन और पोर्पोईस देख सकते हैं। अन्टार्टिक की ठण्ड से भागकर 'हंच्बेक व्हेल यहाँ पर बच्चे देने आती है।यहाँ समुद्री कछुओं की ही ६ जातियां पायी जाती हैं जो अब लुप्त होती जा रही हीन।यहाँ का एक जानवर है दूगोंग जिसको समुद्री गाय कहा जाता है क्योंकि यह सिर्फ पेड़ पौधे ही खता है.यह भी धीरे धीर लुप्त होते जा रहे हैं.सोचो यहाँ १५०० से ज्यादा मछलियों की जातियां हैं और २०० तरह के पक्षी भी.

ग्रेट बेरियर रीफ के पानी में इतनी तरह के जीव जंतु और पौधे थे कि उनको गिनाना बड़ा मुश्किल है।लेकिन यहाँ पर समुद्र के अन्दर जाने में बड़ा ख़तरा है. यहाँ पाए जानेवाले कुछ जानवर तो बड़े ही विषैले होते हैं. यहाँ पायी जाने वाली बॉक्स जेली फिश के के चूने से आदमी मर भी सकता है.एक ब्लू रिंग ऑक्टोपस भी होता है जो छोटे क्रिकेट की गेंद के जैसा लगता है और बहुत सुन्दर भी.खतरा दीखते ही वह नीला चमकने लगता है और छूते ही उसका ज़हर शरीर में फ़ैल जाता है. इस ज़हर का कोई काट नहीं है.ऐसे ही कई समुद्री जीव हैं जो देखने में सुन्दर हैं लेकिन होते ज़हरीले हैं.ग्रेट बरियार घूमने बहुत ही विचित्र था॥मैंने सोचा नहीं था कि समुद्र के अन्दर और आसपास इतना सुन्दर होगा.

सोचो मैंने तुम्हें एक बार जंगल की यात्रा कराई,एक बार हवा में उड़ने वाली तितलियों के बारे में बताया और अब एक समुद्र के बारे में। है न यह धरती हमारी अनोखी। अब देखो अगली बार मैं कहाँ ले जाती हूँ।

' अब कहाँ जा रही हैं,घुमंती बेन,''अरे जब लौट कर आऊँगी तब बताऊंगी ।होगी ऐसी ही एकदम अनूठी जगह।'