सवेरे उठकर अगर बस कोई एक चीज़ चाहिए तो वह है चाय। दिन की शुरुआत हो गरमा गर्म बेड टी से तो आगे का दिन लगता है अच्छा ही बीतेगा। अगर खुदा न खास्ता उसमें ज़रा सी देर हो जाए तो मूड ख़राब,अपना भी बाकी घरवालों का भी। चाय का नशा ऐसा होता है कि पूछिए मत। इस नशे को करने की सबका अपना तरीका। मैं अकेले रहा करती थी तो उठते ही मंजन वगैरह के बाद पहला काम होता चाय बनाने का। हमें चाहिए होती दो कप चाय,अखबार के साथ। चाय भी कड़क अदरक डालकर, अच्छे से उबालकर। तो खुद दो कप चाय बनाते,बिस्तर के बगल में रखती और ताज़ा समाचार को चुस्कियों के साथ पढ़ते। इस पर भी मेरी यह पाबंदी कि चाय हम अपने आप बनाएंगे। किसी और के हाथ की सवेरे की चाय हमें नागवार गुज़रती है । यह सिलसिला कई सालों तक चला। अपने हाथ की चाय तसल्ली से समाचार पत्र के साथ पढ़ने के लिए हमें काफी सवेरे उठना पड़ता था। दफ्तर दूर था और हमें समय पर पहुँचने के लिए घर से जल्दी रवाना होना पड़ता था। पर क्या इस वजह से सुबह की चाय न पी जाये या उसके साथ जल्दबाजी की जाये। न जी ! उससे अच्छा है भोर होते उठो। बड़े फायदे हैं सवेरे उठने के और सबसे बड़ा चाय की हर चुस्की का सुख।
चाय के साथ सबका रिश्ता बड़ा अनूठा और एक दूसरे से अलग होता है। बहुत लोग बदनाम हैं इसके दीवाने होने की वजह से। हमारे घर में मम्मी का चाय इश्क़ मशहूर था। पापा का चाय पीने का समय नियत था। हम बच्चों को चाय पीने पर सख्त रोक थी और हमने चाय पीनी शरू की नौकरी में आने पर। चाय पीने से सांवले होने का डर भी पहले बैठाया गया था। कोई ज़ोर से चुस्की लेकर चाय पीता है,कोई बड़ी नज़ाकत से टी कोज़ी के अंदर ढंकी केटली से डाल कर।
इसलिए चाय के नाम यह मेरा पैगाम।
अलसाई सी सुबह हो या शाम सुहानी
सर्दियों की ठिठुरन हो या गर्म दोपहरी
बस साथ एक चाय की प्याली हो।
अकेले बैठे विचरता मन हो या भरी महफिल का संग
अनमना सा लगता हो या सजे हों कई रंग
बस साथ एक चाय की प्याली हो।
बगल वाली मिसेज़ शर्मा हों या दूर की कोई चाची
दफ्तर की बातें हो या प्रेम कहानी दुहरानी
बस साथ एक चाय की प्याली हो।
मिटटी का एक कुल्हड़ हो या महंगी चीनी मिट्टी
शीशे का अदद गिलास हो या डिज़ाइनर टी सेट
बस साथ एक चाय की प्याली हो।
नुक्कड़ के अड्डे पर बैठे हों या किसी पांच सितारा
घर का कोई कोना हो या हरी घास पर बिछौना
बस साथ एक चाय की प्याली हो
घर के कामकाज के बीच हो या फाइलों के ढेर
यूं ही टीवी के सामने हो या ख़बरों के फेर
बस साथ एक चाय की प्याली हो।
अदरक,इलायची के संग बनी हो या हलके पत्तों वाली
चीनी मिली हो ढेर सारी या दूध बिना हो काली काली
बस साथ एक चाय की प्याली हो।
थक गए काम कर-कर के या बैठे हों निठल्ले
इम्तिहान की तैयारी हो या हाँके गप्पे शप्पे
बस साथ एक चाय की प्याली हो।
सारी दुनिया साथ हमारे,या कोई भी नो हो पास
हर उमंग से भरा हो जीवन या टूटी हो हर आस
बस साथ एक चाय की प्याली हो।
कुछ मन की बातें कर लें कुछ चर्चे ज़माने पर
सुबह की सैर पर या शाम को आना घर
बस साथ एक चाय की प्याली हो।
कुछ भी न हो जीवन में लगे अगर सब बेगाना
सब कुछ निपट जाएगा सब ठीक हो जायेगा
सिर्फ,अगर,महज,मात्र
बस
साथ हो एक चाय की प्याली।