गुरुवार, मार्च 08, 2018

महिला दिवस पर ख़ास

हम हैं तो दुनिया हैं,
हम हैं तो रंग हैं ,
हम है तो जीवन चक्र है
हम हैं तो सहारे हैं।
 हम से ही परम्परा है
 हम से ही नवीनता है
हम से ही स्थिरता है
हम से ही हैं नयी उड़ानें।
हम से  रास्ते के उजाले हैं
हम में अंधेरों के गलियारे हैं।
हम से कायम हैं रिश्ते बहुत
हम से अपना रिश्ता है अहम बहुत ।
हम से रसोई की आग है
हम कर सकते हैं काज बहुत।
हम दिल के हाथों मजबूर हैं
हम दिल के बहुत मज़बूत हैं।
हम से ही हमारी पहचान है
हम नारी हैं ,
हमारी आवाज़ है,
हमारी आशा  है ,
हमारी शक्ति है,
हमारी सोच है
हमारा सम्मान है।