मंगलवार, दिसंबर 31, 2013

नया साल

बीते साल को मुड़कर देखा , हँसते देखा ,रोते देखा
मौला के रहम को देखा ,इंसानों  के करम  को  देखा।

आपस के मसलों को लेकर  बंटती सांझी ज़मीन को देखा
पैसे की लालच  के पीछे  लुटती हुई   ज़मीर को देखा

हिम्मत  बांधे एक हुजूम को सडकों पर उतरते देखा
सत्ता के बंद गलियारों में नयी हवा को घुसते देखा।

काले सूतों  से बुने संतों के भगवा  कपड़ों को देखा
भोग विलास के पायदानों पर लुढ़कती हुई गरिमा को देखा।

 मानव के अतिक्रमण पर  पर्वतों के प्रतिशोध को देखा
 प्रकृति के बेपरवाह  हनन  पर मानव के भी  विरोध को देखा।

धरती पर  अमंगल के बढ़ते हुए  कदमों को देखा
दूर गगन में  मंगल खोजते देश के काबिल हाथों को  देखा


देखे हुए कई सपनों को टूट टूट कर  बिखरते देखा
बिखरे  हुए टुकड़ों को फिर से ख्वाबों में बुनते देखा।

बीते साल के कई  क्षणों  में  इतिहास बन जाते  देखा
इतिहास बने कई लोगों को सुपुर्दे-खाक होते हुए  देखा।


देखें यह एक  नया साल अब क्या क्या रंग दिखाता है
कितनी आशाओं ,कितनी उम्मीदों को परवान चढ़ाता है।




सोमवार, दिसंबर 16, 2013

'sabaaeedee '..... नमस्कार लाओ में आपका स्वागत है

थाईलेंड  ,कम्बोडिया ,वियतनाम और  चीन से घिरे इस देश में शायद सैलानी के तौर पर जाने की बात हमारे ज़हन में न आये ,पर आफिस के काम से मुझे वहां जाने का मौका मिला. दिल्ली से बेंगकोक और फिर वहां से लाओ एरलाईन से पाक्से . बंगकोक से एक छोटे एटीआर जहाज से हम पहुंचे पाक्से .हवाई अड्डा क्या था बस एक रनवे और दो कमरों की इमारत. दक्षिणी लाओ के चम्पासक प्रदेश की राजधानी है यह छोटा सा शहर . हमारे बस एक दिन का समय था सो घूमना तो ज्यादा नहीं हो पाया ..हाँ कुछ चित्र ज़रूर उतारे.

पाक्से का हवाई अड्डा जहाँ उड़ानें सिर्फ बंगकोक और लाओ की राजधानी वियांतियाँ तक जाती हैं  .



होटल के कमरे से दिखती मेकोंग नदी.यह शहर दो नदियों सी दोन औए मेकोंग के संगम पर स्तिथ है.चीन से आती हुयी मेकोंग चौड़ी है और बहुत ही सुन्दर .

सूर्यास्त .यह पुल जापानी सहायता से बनाया गया  है .सवेरे इस पुल पर टहलना और नीचे शांत बहती नदी को देखना .