थाईलेंड ,कम्बोडिया ,वियतनाम और चीन से घिरे इस देश में शायद सैलानी के तौर पर जाने की बात हमारे ज़हन में न आये ,पर आफिस के काम से मुझे वहां जाने का मौका मिला. दिल्ली से बेंगकोक और फिर वहां से लाओ एरलाईन से पाक्से . बंगकोक से एक छोटे एटीआर जहाज से हम पहुंचे पाक्से .हवाई अड्डा क्या था बस एक रनवे और दो कमरों की इमारत. दक्षिणी लाओ के चम्पासक प्रदेश की राजधानी है यह छोटा सा शहर . हमारे बस एक दिन का समय था सो घूमना तो ज्यादा नहीं हो पाया ..हाँ कुछ चित्र ज़रूर उतारे.
होटल के कमरे से दिखती मेकोंग नदी.यह शहर दो नदियों सी दोन औए मेकोंग के संगम पर स्तिथ है.चीन से आती हुयी मेकोंग चौड़ी है और बहुत ही सुन्दर .
पाक्से का हवाई अड्डा जहाँ उड़ानें सिर्फ बंगकोक और लाओ की राजधानी वियांतियाँ तक जाती हैं .
होटल के कमरे से दिखती मेकोंग नदी.यह शहर दो नदियों सी दोन औए मेकोंग के संगम पर स्तिथ है.चीन से आती हुयी मेकोंग चौड़ी है और बहुत ही सुन्दर .
सूर्यास्त .यह पुल जापानी सहायता से बनाया गया है .सवेरे इस पुल पर टहलना और नीचे शांत बहती नदी को देखना .
1 टिप्पणी:
Achchha laga jaankar. Aabhar.
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