बुधवार, दिसंबर 27, 2006

सुस्वागतम

नव वर्ष में
साथ मिला तुम्हारा
मंगल बेला

नए साल में
पुरानी बिंदी पर
सिंदूरी आभा

नए साल में
एक लकीर नयी
हाथ तुम्हारा


शुक्रवार, दिसंबर 22, 2006

नववर्ष तुम लेकर आना

नव उमंग नव तरंग नव उल्लास
तुम लेकर आना.
नयी आशा नया सवेरा नया विश्वास
तुम लेकर आना.
भूल जाएं सब ज़ख्म पुराने
एसा मरहम तुम लेकर आना

नव चेतना नव विस्तार नव संकल्प
तुम लेकर आना
विशव शांति हरित क्रांति श्रम शक्ति
तुम ले कर आना
प्रगति पथ प्रशस्त बने
ऐसा विकास तुम लेकर आना

नव सृजन,नव आनन्द,नवोदय
तुम लेकर आना
आत्मबोध,आत्मज्ञान,आत्मविश्वास
तुम लेकर आना
दूर अँधेरे सब हो जाएं
ऐसा सुप्रभात तुम लेकर आना.


शनिवार, दिसंबर 16, 2006

सतरंगी संसार


माँग का सिंदूर
माथे की बिंदिया
हाथ की मेंहदी
कलाई की चूडियाँ

कजरारी आँखें
गाल शर्मसार
काँपते लबों
का
मौन स्वीकार

सजाऊँ तुम्हारा
सतरंगी संसार

बुधवार, दिसंबर 13, 2006

तुम मेरे हो

बडा अच्छा लगता है
तुम्हें निहारना
पलकों की कूची से
तुम्हारे चेह्ररे पर
निशान छोड जाना.


मत खोलो मुंदी आँखें
अभी
कैद सपनों में
रंग तो भर
देने दो.