सुंदर है, बधाई!
धन्यवाद समीरजी,उत्साहवर्धन के लिये भी और संशोधन के लिये भी.
कजरारी आँखेंगाल शर्मसारकाँपते लबोंकामौन स्वीकारबहुत सु्दर ! इतने दिनों बाद आपको चिट्ठा जगत में वापस आया देख कर बेहद खुशी हुई । आशा है आप नियमित रूप से लिखती रहेंगी ।
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3 टिप्पणियां:
सुंदर है, बधाई!
धन्यवाद समीरजी,उत्साहवर्धन के लिये भी और संशोधन के लिये भी.
कजरारी आँखें
गाल शर्मसार
काँपते लबों
का
मौन स्वीकार
बहुत सु्दर !
इतने दिनों बाद आपको चिट्ठा जगत में वापस आया देख कर बेहद खुशी हुई । आशा है आप नियमित रूप से लिखती रहेंगी ।
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