एक उत्सुकता सी मन में जागी है कि जिस शहर में मैं रहती हूँ उसका इतिहास क्या है,उसका अतीत कैसा था,उसकी बुनियाद क्या थी ,उसकी शख्सियत क्या थी .वह क्या था जिसने लखनऊ को एक अलग सा परिचय दिया है .यह जो इमारतें आते जाते हम देखते हैं इनके पीछे कौन सी कहानियां है.किसने इन्हें बनवाया,क्या सपना था उनका इस शहर के बारे में . कैसा रहा होगा लखनऊ पहले का? यह जो सडक है इस पर पहले का नज़ारा कैसा था .कहाँ से आती थी और कहाँ तक जाना था? बहुत किस्से सुने है यहाँ की नज़ाकत,नफ़ासत और तहज़ीब के.'पहले आप वाला' किस्सा तो लखनऊ का नाम आते ही कोई भी बता देता है.पर यहाँ के नवाबों के शौक , उनके मिज़ाज के बारे में भी बहुत कुछ सुना है.
गोया पहुँचे यहाँ की प्रसिध्द किताबों की दुकान युनिवर्सल बुकसेलर्स.इसकी कई शाखाएं हैं . अलीगंज के कपूरथला कॉम्प्लेक्स में मिली यहाँ के मशहूर लेखक योगेश प्रवीण की लिखी किताबें . अभी तो पढना शुरू किया है.चिकन कारी के बारे में,बेगम अख्तर की गायकी के बारे में,कबाब ,रेख्ती, ठुमरी ....बहुत कुछ. पता चल रहा कि संजय दत्त की नानी जद्दन बाई इसी शहर की थीं.अब बस करना यह है कि एक कैमरा लो और जो पढती जा रही हूँ ,उस जगह जा कर कैमरे में कैद करो.खयाल नेक है खयाली पुलाव न बन जाए .
गोया पहुँचे यहाँ की प्रसिध्द किताबों की दुकान युनिवर्सल बुकसेलर्स.इसकी कई शाखाएं हैं . अलीगंज के कपूरथला कॉम्प्लेक्स में मिली यहाँ के मशहूर लेखक योगेश प्रवीण की लिखी किताबें . अभी तो पढना शुरू किया है.चिकन कारी के बारे में,बेगम अख्तर की गायकी के बारे में,कबाब ,रेख्ती, ठुमरी ....बहुत कुछ. पता चल रहा कि संजय दत्त की नानी जद्दन बाई इसी शहर की थीं.अब बस करना यह है कि एक कैमरा लो और जो पढती जा रही हूँ ,उस जगह जा कर कैमरे में कैद करो.खयाल नेक है खयाली पुलाव न बन जाए .
3 टिप्पणियां:
बढ़िया। फटाफट कैमरे में भी क़ैद कर शब्दों में बांध दिखाने के साथ पढ़वाईए भी।
नये साल में ये नेक काम कर ही डालो । हम इंतज़ार में हैं ।
आज पहली बार अचानक आपके ब्लॉग पे आने का खूबसूरत इतेफाक हुआ और सोने पे सुहागा यह के मेरे "कपूरथला का जिक्र
आया दिल बाग बाग हो गया
पहली बार आया हूँ कुछ तो तहरीर करके जाना है
अल्लाह करे जोर कलम और जिआदा खुश रहें
चाँद शुक्ला हदियाबादी डेनमार्क
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