
यह बात हो रही थी की काबुल से सड़क का कोई रास्ता सुरक्षित है तो सिर्फ़ उत्तरी दिशा का.इसलिए हमने सलांग जाने का प्रोग्राम बनाया। पता चला की बाकी सारी दिशाओं के मार्ग पर तालिबान का हमला होने का डर बना रहता है। खैर बाद में इस सुरक्षा का भी खंडन हो गया जब पता चला की हमारे जाने के दूसरे दिन ही उस रास्ते पर स्थित "चारिकार" नाम की एक जगह पर वहां के गवर्नर के घर के पास बम फूटा।
आइये उस सफर कीi सैर करें इन तस्वीरों के साथ।
यह सीधी सड़क ले गयी हमें सलांग. किनारों पर फलों की दुकानें दिखायी पड़ रही हैं जहाँ से हमने ख़रीदे कीनू,गाजर और अनार. अफगानिस्तान के कंधार प्रांत के अनार बहुत मशहूर हैं.
एक गाँव से गुज़रे हम .पृष्ठभूमि में जो टावर दिख रहा है वह भारत के ही पावरग्रिड कारपरेशन द्वारा अफगानिस्तान में किए जा रहे निर्माण कार्य के अंतर्गत बन रही है ट्रांसमिशन लाइन का हिस्सा है.
दूर से दिखती हिन्दू कुश पर्वत श्रृंखला ।
बर्फ दिखनी शुरू हो गयी . इस तरह की कई सुरंगें मिलीं लेकिन सबसे मशहूर सलांग सुरंग तक हम नहीं गए.
7 टिप्पणियां:
हिंदू कुश के साथ भी मेरा अच्छा रिश्ता है.. वैसे मैं इसे नही जानता.. पर जब भी गूगल में सर्च करता हू.. अपना मुझे मेरे नाम के साथ साथ हिंदू कुश भी मिल जाता है..
खैर आपका लेख बढ़िया रहा.. तस्वीरो ने तो रोमांचित कर दिया..
Rochak aur romanchak.
Courtesy this powergrid line, we have started getting 24 hours electricity in Kabul. Today is second consecutive day that we are getting electricity.
जानकारी और रोमांच से भरा ...............
अनिल कान्त
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
सुन्दर ब्लॉग...सुन्दर रचना...बधाई !!
-----------------------------------
60 वें गणतंत्र दिवस के पावन-पर्व पर आपको ढेरों शुभकामनायें !! ''शब्द-शिखर'' पर ''लोक चेतना में स्वाधीनता की लय" के माध्यम से इसे महसूस करें और अपनी राय दें !!!
मनोरम दृश्य!
बहुत रोचक और सुंदर चित्र लगे यह ब्लू पॉटरी कि खरीदारी के बारे में जानने का इन्तजार रहेगा
एक टिप्पणी भेजें