दिल्ली की गर्मी ,भीड़,उमस...भागना है यहाँ से .पर कहाँ जाएँ. नियति ने यहाँ पहुंचा दिया .यहीं सुकून ढूढ़ना है यहीं मुस्कान. एक सप्ताहांत ,बर्दाश्त से बाहर होती यहाँ की दौड़ भाग ने हमें भागने पर विवश पहुंचा दिया कसौली.अतृप्त आत्माओं को मिला एक ठिकाना ,कार की आदत डाले पाँव पैदल ऊपर नीचे चल कर झूमने लगे,आँखों ने देखा भीड़ से अलग खुशनुमा नज़ारा ,ये हरियाली और यह रास्ता,
.इतनी हरियाली और इतनी खामोशी .जन्नत !
सनसेट पॉइंट पर सूरज डूबने का इंतज़ार .कैमरे में कैद करना बहुत मुश्किल है पर कोशिशें बरक़रार है कसौली की यह जगह जहां सूर्यास्त के समय लोग इकठ्ठा हो जाते हैं .
कसौली को साफ़ सुथरा रखने में हमारी आर्मी का बहुत बड़ा योगदान है.यह एक छोटा सी छावनी ही है और हर जगह सेना के पद छाप दीखते हैं. वायु सेना का भी एक अड्डा है .
गिल्बर्ट ट्रेल के नाम से बना एक रास्ता जहाँ से सब हरा हरा दीखता है.
कसौली बहुत ही शांत है.कुछ करने को नहीं सिर्फ चलते रहिये.सुबह ६.३० बजे के निकले अम्बाला,पंचकुला,कालका होते हुए कसौली पहुंचे 1 बजे. पहुँचते ही निकल पड़े सैर पर. लवर'स लेन,नेचर वाक,सनसेट पॉइंट,अंग्रेजों के ज़माने के नाम लिए बड़े बंगले .एक जगह पर खड़े होकर देखा शिमला दिखाई दिया और दूसरी ओर चंडीगढ़.बीच बीच में बारिश भी हो जाती थी, दूसरे दिन्बहुत सावरे फिर निकल पड़े सैर पर. मंकी पॉइंट यहाँ का सबसे ऊंचा स्थान है और यहीं है मनकी मंदिर.माना जाता है हनुमान जब संजीवनी लेने जा रहे थे तो उन्होंने यहाँ पर एक पैर रखकर छलांग लगाई थी.इस पहाडी का आकार उनके पाँव का लगता है. १००० सीडियां चढ़कर पहुँचने पर एक सुन्दर सा मंदिर और आसपास दूर दूर का नज़ारा .मंदिर वायुसेना स्टेशन के भीतर है सो उसका रख रखाव और भीतर जाने की अनुमति उनसे लेने पड़ती है.कैमरे मोबाईल की मनाही है.हम जब ऊपर जा रहे तो बारिश होने लगी पर जगह जगह इतने बढ़िया छप्पर नुमा छत बनी है कि हम खड़े होकर हल्की बैछार में भीगते रहे और ठंडी हवा का मज़ा लेते रहे !
मजबूरी थी कि दूसरे दिन शाम को लौटना था वरना यहाँ पर शांति से कुछ दिन और रहा जाए तो सेहत के लिए बहुत बढ़िया हो ! हो सका तो फिर जाने का संयोग बनेगा ....
.इतनी हरियाली और इतनी खामोशी .जन्नत !
सनसेट पॉइंट पर सूरज डूबने का इंतज़ार .कैमरे में कैद करना बहुत मुश्किल है पर कोशिशें बरक़रार है कसौली की यह जगह जहां सूर्यास्त के समय लोग इकठ्ठा हो जाते हैं .
कसौली को साफ़ सुथरा रखने में हमारी आर्मी का बहुत बड़ा योगदान है.यह एक छोटा सी छावनी ही है और हर जगह सेना के पद छाप दीखते हैं. वायु सेना का भी एक अड्डा है .
गिल्बर्ट ट्रेल के नाम से बना एक रास्ता जहाँ से सब हरा हरा दीखता है.
कसौली बहुत ही शांत है.कुछ करने को नहीं सिर्फ चलते रहिये.सुबह ६.३० बजे के निकले अम्बाला,पंचकुला,कालका होते हुए कसौली पहुंचे 1 बजे. पहुँचते ही निकल पड़े सैर पर. लवर'स लेन,नेचर वाक,सनसेट पॉइंट,अंग्रेजों के ज़माने के नाम लिए बड़े बंगले .एक जगह पर खड़े होकर देखा शिमला दिखाई दिया और दूसरी ओर चंडीगढ़.बीच बीच में बारिश भी हो जाती थी, दूसरे दिन्बहुत सावरे फिर निकल पड़े सैर पर. मंकी पॉइंट यहाँ का सबसे ऊंचा स्थान है और यहीं है मनकी मंदिर.माना जाता है हनुमान जब संजीवनी लेने जा रहे थे तो उन्होंने यहाँ पर एक पैर रखकर छलांग लगाई थी.इस पहाडी का आकार उनके पाँव का लगता है. १००० सीडियां चढ़कर पहुँचने पर एक सुन्दर सा मंदिर और आसपास दूर दूर का नज़ारा .मंदिर वायुसेना स्टेशन के भीतर है सो उसका रख रखाव और भीतर जाने की अनुमति उनसे लेने पड़ती है.कैमरे मोबाईल की मनाही है.हम जब ऊपर जा रहे तो बारिश होने लगी पर जगह जगह इतने बढ़िया छप्पर नुमा छत बनी है कि हम खड़े होकर हल्की बैछार में भीगते रहे और ठंडी हवा का मज़ा लेते रहे !
मजबूरी थी कि दूसरे दिन शाम को लौटना था वरना यहाँ पर शांति से कुछ दिन और रहा जाए तो सेहत के लिए बहुत बढ़िया हो ! हो सका तो फिर जाने का संयोग बनेगा ....
3 टिप्पणियां:
पढ़ कर ही बड़ा सुकून मिला. आभार.
चित्र और विवरण दोनो बढिया .. बहुत अच्छी पोस्ट !!
सच में पहाड़ों की ख़ूबसूरती मन को सुकून और शांति देती है आप का पोस्ट पढकर अच्छा लगा
एक टिप्पणी भेजें