शुक्रवार, जुलाई 04, 2008

आइये शाम का नाश्ता मेरे साथ

दाल चावल रोटी की खुशबू से खिंची जब उस रसोई में पहुँची तो एक से एक शानदार रेसिपी दिखीं .मेरे मन मुताबिक,बनाने में आसान और स्वाद में बेमिसाल.सोचा ,आज सोचना छोड़ कुछ कर लिया जाए. सो आफिस से घर पहुँचते ही पुदीने के पत्ते किचेन गार्डन से तोडे. बेसन घर में रहता ही है. शाम की चाय पी और जुट गए रसोई में.लीजिये हमारी बनाई आरेंज स्टिक का मज़ा लीजिये ! रचनाजी को धन्यवाद सहित . न जाने इसकी शकल सूरत अगर कोई निपुण बनाता तो कैसी होती मेरी वाली तो ऐसी थीं.




सब सामान एक जगह इकट्ठा कर लिया है.



यह है बेसन, पुदीना ,लाल मिर्च,हरी मिर्च,नमक का रंगीन मिलन !!



तेल मिलाकर संतरे नुमा गोला भी तैयार है.

पानी उबलते समय और गोले के फोटो नहीं ले पायी क्योंकि भाप की वजह से थोड़ा कैमरा ख़राब होने का डर था.हाँ गोला उपर तैरने लगे उसमें धैर्य रखना पङता है.


बेसनी संतरे की फांके भी कट गयीं .




स्वादिष्ट,चटपटी ओरेंज फ्राईज़ तैयार हैं .

लीजिये नोश फरमाइए !!

11 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

kyaa baat haen
aare bhai isko daal roti chaawal par bhi daaliyae

bikul esi hii bantee haen

Pratyaksha ने कहा…

आते हैं हम ...

Pratyaksha ने कहा…

खाने ..

रंजू भाटिया ने कहा…

हम भी आते हैं खाने ..:) वैसे बना के देखी थी हमने भी ''रचना का धन्यवाद है

Anita kumar ने कहा…

बड़िया बनीं हैं

Unknown ने कहा…

chalo meri to sham ke chay ke sath ke snacks ka arrangement ho gay

azdak ने कहा…

शुक्रिया. आते हैं. लेकिन पता नहीं लिखा?

डॉ .अनुराग ने कहा…

वो सब तो ठीक है ये फोटो किसने कहा था यहाँ लगाने को ....अब अगर घर मे मूंग की दल बनी मिली तो ......

श्रद्धा जैन ने कहा…

फोटो लगाकर आपके खाने का मन भी बना दिया है
बहुत धन्यवाद आपका अच्छी रेसीपी देने के लिए

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

वाह भइ, मुंह में पानी आ गया।

admin ने कहा…

अरे हुजूर, घर का पता भी बताएं, वर्ना इतना बढिया नाश्ता करने घर कैसे पहुंचेगें?