शनिवार, जनवरी 03, 2009

सलाम काबुल ....बर्फ और स्नोमन


सुबह खैर काबुल!

इस बार काबुल की ठण्ड देखने का प्रोग्राम बना और नए साल का आगाज़ भी वहां पर ही करने का .सो इस जाड़े की छुट्टियों में पहुँच गए काबुल.वैसे भारतीय दूतावास में आत्मघाती हमले के बाद काबुल यात्रा का वृतांत लिखने की बहुत इच्छा नहीं हुई ।
एयर इंडिया के प्लेन में बताया गया की काबुल हवाई अड्डे का तापमान १ डिग्री है सो कंपकपी होने लगी पर बाहर निकल कर लगा उतनी ठण्ड नहीं है । 25 दिसम्बर को हम काबुल पहुँचे और वह दिन तो घर पर ही बीता ,पर तय हुआ की अगलेदिन काबुल से१०० किमी दूर सलांग घूमने जाएँगे ।

2 टिप्‍पणियां:

Dr. Ashok Kumar Mishra ने कहा…

some more detail are required.

मैने अपने ब्लाग पर एक लेख लिखा है-आत्मविश्वास के सहारे जीतें जिंदगी की जंग-यदि समय हो तो पढें और कमेंट भी दें-

http://www.ashokvichar.blogspot.com

bijnior district ने कहा…

यात्रा वृत विसतर से लिखें तो ज्यादा अच्छा रहे।