हवा में तैरते किसी कण किसी क्षण को आपने देखा
बस उस देख भर से,
एक कविता,एक गीत ,एक कहानी निकल पड़ी.
हर शब्द आपके स्पर्श का मोहताज ,
हर ज़र्रा इंतज़ार में है
कब आप उधर जाएँ
और अपनी हर अनदेखी हरकत से
वह भी वाकिफ हो जाए
यह सिलसिला बना रहे हमेशा ,
बहुत बेजान गुलज़ार होने हैं.
जन्म दिन की बधाईयाँ
1 टिप्पणी:
खरगोश का संगीत राग रागेश्री पर आधारित है जो कि खमाज
थाट का सांध्यकालीन राग है,
स्वरों में कोमल निशाद
और बाकी स्वर शुद्ध लगते हैं, पंचम
इसमें वर्जित है, पर हमने इसमें अंत में पंचम
का प्रयोग भी किया है,
जिससे इसमें राग बागेश्री भी झलकता है.
..
हमारी फिल्म का संगीत वेद नायेर ने दिया है.
.. वेद जी को अपने संगीत कि प्रेरणा जंगल में चिड़ियों कि चहचाहट से मिलती है.
..
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