दिल्ली से लखनऊ और लखनऊ से दिल्ली करते अब दो महीने हो गए.लखनऊ से दिल्ली तबादले की अर्जी दी है ,न जाने कब होगा उसका असर. तब तक हर सप्ताहांत हवाई यात्रा के न्यूनतम किराये की खोज कर एक हफ्ते आफिस और एक हफ्ते घर सँभालने का सिलसिला जारी है. करीब ३ साल बाद फिर दिल्ली में रहने का मौका आया. इन तीन सालों में काफी बदल गयी है राजधानी.मेट्रो के आने से रास्ते बदल गए . अभी भी दक्षिण दिल्ली में इतना निर्माण हो रहा है कि उलझन सी होती है. फ़्लाइओवर बनने से लगता है भीड़ कम हो जायेगी पर सड़क पर जाम ज्यों का त्यों दीखता है गाड़ियों की तादाद बढ़ती जा रही है और हम पब्लिक ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल नहीं करते. वैसे भी शायद शहर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इतने लोगों का भार वहन करने कि क्षमता न हो.सीरी फोर्ट के पास BRT कॉरिडोर देखा .एअरपोर्ट नए रूप में आ गया है.१ km लम्बा एशिया का सबसे बड़ा माने जाने वाला अम्बियेंस मॉल देखा.एक जगह जो नहीं बदली वो थी दिल्ली हाट और IHC में ईटओपिया .
9 टिप्पणियां:
नौकरों की यही त्रासदी है...
मजाक-मजाक में की गयी जोकरई को Transfer Policy कहते हैं.
बाबू लोग, कुछ भी करने से चूक सकते हैं पर तबादले करना कभी नहीं भूलते...उनको पक्का पता होता है कि भगवान ने उन्हें धरती पर बस एक ही काम perfectly करने के लिए भेजा है, और वह है... ट्रान्सफर.
शायद प्रभु, बड़े बाबू को आपकी अर्जी पढ़ते समय सद्बुद्धि दे दे.
सब शुभ हो ऐसी कामना के साथ
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चर्चा । Discuss INDIA
चलिए, जल्दी ही स्थानांतरण हो जाये तो भागा दौड़ी से मुक्ति मिले.
बड़ी मारामारी करके मैं भी 4 साल बाद दिल्ली लौटा हूं। हर दिन नई लगती है दिल्ली।
आपकी परिस्थिति को समझा जा सकता है। शुभकामना।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
हमारी शुभकामनायें.
नौकरी करने के लिए भी कितनी मुसीबातें झेलनी पड़ती हैं !
कानपुर में पड़ोस के घर में तीन दिन बजे से ही बर्तनों की खनखनाहट शुरू हो जाती थी ... कारण था सवेरे ५ बजे की ट्रेन पकड़ के दुसरे शहर नौकरी पे जाना !
दुआ करता हूँ कि जल्दी ही सब ठीक हो जाएगा !
भीड़ तो कम नहीं होगी ... ऐसे ही आदी होना पड़ेगा हमें !
आज की आवाज
Transfer ho na ho, blog ki shama jalaaye rakhen.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
ईश्वर से यही प्रार्थना है कि आपकी अर्जी कुबूल हो जाए।
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आपको जानकर खुशी होगी कि आज उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, डीएम आवास के बगल, हजरतगंज में हिन्दी संस्थान द्वारा प्रकाशित मेरी पुस्तक "हिन्दी में पटकथा लेखन" का 3.30 बजे विमोचन है। आपको यदि समय मिलें, तो अवश्य आएं। लखनउ के कई ब्लॉगर वहां पर इकटठे हो रहे हैं, इसी बहाने एक छोटी सी ब्लॉगर्स मीट भी करने की प्लानिंग हैं।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
Mo- 9935923334
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
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